ग़ज़ल । Hindi Gajal

 Gajal 

ग़ज़ल 

        By Naru shayar 

ज़िन्दगी तू ने जहा से मुझे ठुकराया है

जीने का हुनर मुझे वही में आया है

गम समझ कर जिसे छोड़ दिया था राहो में

मुफलिसी में आज वही मेरे काम आया है

जो उम्र भर मुझे अपना, मेरा अपना कहता रहा

आज बुरे वक्त में बहुत दूर नज़र आया है

चलते-चलते थक कर कदमो ने किया सवाल मुझ से

दिल में बसने वाले ने घर अपना कितनी दूर बसाया है

तुझे तनहा ही मंजिल पानी होगी मुसाफिर

क्या अपनों ने कभी साथ तेरा निभाया है

Writer naru shayar from deepla barmer




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